India's first AC train – 100 साल की तकनीक का सफर, अब WiFi के युग तक
- Gagan Diwan
- Jul 25
- 2 min read
Updated: Jul 26

India's first AC train कैसे बनी एक ऐतिहासिक शुरुआत
1 सितंबर 1928, यही वो दिन था जब India's first AC train, यानी पंजाब मेल, मुंबई से पेशावर तक चली थी। लेकिन यहां बात असली एसी की नहीं, बल्कि बर्फ से ठंडक पहुंचाने की तकनीक की हो रही है।
उस समय फर्स्ट क्लास कोच में केवल अंग्रेज़ों को सफर की इजाज़त थी और उन्हें गर्मी से बचाने के लिए कोच के नीचे बर्फ की सिल्लियाँ रखी जाती थीं।
Frontier Mail – जब India's first AC train बनी असली AC बोगियों वाली ट्रेन
1934 में इस ट्रेन को नया रूप मिला और इसमें इलेक्ट्रिकल AC कोच जोड़े गए। तब इसका नाम बदला गया – Frontier Mail।
यही वो मोड़ था जब India's first AC train ने इतिहास में अपना पक्का नाम दर्ज करवाया।उसका रूट था – मुंबई से अमृतसर होते हुए लाहौर और पेशावर तक।
Golden Temple Mail – आज भी चल रही है India's first AC train की विरासत
1996 में इस ट्रेन का नाम बदलकर Golden Temple Mail रखा गया।अब यह ट्रेन 1,930 KM का सफर करती है, जिसमें 24 कोच होते हैं – AC, Sleeper, General सब शामिल।
India's first AC train आज भी अपने नए नाम के साथ लोगों को जोड़ती है – और आधुनिक तकनीक के साथ चलती है।
तब बर्फ से ठंडक मिलती थी, अब हर घर में WiFi है
सोचिए — उस समय ठंडी हवा के लिए बर्फ लगती थी,और आज आप एक क्लिक से पूरी दुनिया से जुड़ जाते हैं — WiFi की मदद से।
Technology ने हमें India's first AC train से लेकर घर-घर WiFi तक पहुँचा दिया है।
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India's first AC train से लेकर आज के WiFi दौर तक
भारत ने एक लंबा सफर तय किया है –1928 की Frontier Mail से लेकर2025 की Chatriwale WiFi connectivity तक।
Aaj ka India smart hai, fast hai, aur connected hai!
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